#1
यदि तुम चाहते हो कि दुसरे तुम्हारी प्रशंसा करें,
तो पहले तुम दूसरों की प्रशंसा करना सीखो..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#2
प्रशंसा वह हथियार है,
जिससे शत्रु भी मित्र बनाया जा सकता है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#3
केवल थोड़े से कुकर्म,
बहुत से गुणों को दूषित करने में समर्थ होते हैं..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#4
जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है,
वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#5
कुछ पुस्तकें चलने मात्र की होती हैं,
दूसरी निगाह डालने योग्य और कुछ ऐसी होती हैं,
जिन्हें चबाया और पचाया जा सके..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#6
प्रतिभा अपनी राह स्वयं निर्धारित कर लेती है,
और अपना दीप स्वयं ले चलती है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
यदि तुम चाहते हो कि दुसरे तुम्हारी प्रशंसा करें,
तो पहले तुम दूसरों की प्रशंसा करना सीखो..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#2
प्रशंसा वह हथियार है,
जिससे शत्रु भी मित्र बनाया जा सकता है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#3
केवल थोड़े से कुकर्म,
बहुत से गुणों को दूषित करने में समर्थ होते हैं..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#4
जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है,
वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#5
कुछ पुस्तकें चलने मात्र की होती हैं,
दूसरी निगाह डालने योग्य और कुछ ऐसी होती हैं,
जिन्हें चबाया और पचाया जा सके..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#6
प्रतिभा अपनी राह स्वयं निर्धारित कर लेती है,
और अपना दीप स्वयं ले चलती है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
#7
रावण सीता को समझा समझा कर हार गया था पर सीता ने रावण की तरफ एक बार देखा तक नहीं...
तब मंदोदरी ने उपाय बताया कि तुम राम बन के सीता के पास जाओ वो तुम्हे जरूर देखेगी...
रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हू...
मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा...
रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका...
क्योंकि मैं जब- जब राम बनता हूँ, मुझे परायी नारी अपनी माता और अपनी पुत्री सी दिखती है...
अपने अंदर राम को ढूंढे...
और उनके चरित्र पर चलिए...
आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हू...
मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा...
रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका...
क्योंकि मैं जब- जब राम बनता हूँ, मुझे परायी नारी अपनी माता और अपनी पुत्री सी दिखती है...
अपने अंदर राम को ढूंढे...
और उनके चरित्र पर चलिए...
आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!
No comments:
Post a Comment