दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रसोई में रखा ढाई किलो दूध बीती शाम फट गया। ख़बरों के मुताबिक, उन्होंने इसके लिए सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार बताया है। अपने आरोप को विस्तार से समझाने के लिए केजरीवाल जी ने बाकायदा एक प्रेस कॉफ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि जिस तरह की ओछी राजनीति मोदी जी मेरे खिलाफ कर रहे हैं, इसने काफी दिनों से मेरा मन खट्टा कर दिया है। इसी खट्टे मन के साथ कल रात जब मैं दूध गर्म करने गया तो मेरे मन का खट्टा दूध को लग गया और वो फट गया।
इस पर जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि खट्टा लगने से दूध फटता नहीं, बल्कि उसका दही जम जाता है तो केजरीवाल जी आपा खो बैठे और अपनी सीट पर खड़े होकर चिल्लाते हुए बोले, 'अब दही और रायते के बारे में आप मुझे बताएंगे।'इस डर से कि केजरीवाल जी रायता न फैला दें, किसी ने दही के बारे में और सवाल नहीं पूछा ।
मगर फिर किसी ने हिम्मत कर अगला सवाल किया कि सर, अगर दूध फट गया है तो आप उसका पनीर क्यों नहीं बना लेते?' केजरीवाल जी ने झिड़कते हुए पत्रकार को कहा कि आप भी मुझे मोदी एजेंट मालूम होते हैं...आप चाहते हैं कि मैं पनीर खा लूं और ये मीडियावाले अख़बार में मेरी फोटो दिखा हल्ला मचा दें कि देखिए, खुद को आम आदमी कहने वाले केजरीवाल पनीर खा रहे हैं।
मगर आपको क्या लगता है कि मोदी जी, दूध फाड़ना क्यों चाह रहे हैं?' एक और पत्रकार ने डरते-डरते सवाल किया।केजरीवाल बोले, 'देखिए जब से मैंने Talk-to-AK किया है तब से मोदी जी घबराए हुए हैं, उन्हें लगता है कि मैंने उनकी 'मन की बात' की नकल की है....इसीलिए वो अब मेरे घर का दूध फाड़ना चाहते हैं, ताकि उस दूध की चाय बनाकर मैं भी उनकी तरह चाय पर चर्चा न करने लगूं।'
केजरीवाल जी अपनी बात रख ही रहे थे कि तभी कांफ्रेंस हाल में लाइट चली गई और केजरीवाल जी, ज़ोर से बोले....'मोदी जी मान जाइए!'